शनिवार, 9 जून 2007

युवती के अपहरण का प्रयास, खूनी संघर्ष

बागपत। नगर में युवती को उठाकर ले जाने के प्रयास में दो पक्षों के बीच जमकर खूनी संघर्ष हुआ। इसमें दोनों पक्षों की तीन महिलाओं समेत आधा दर्जन लोग गम्भीर रुप से घायल हो गये। आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज नहीं की और इस पर उन्होंने एसपी कार्यालय पर धरना दिया। एसपी ने पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दिये। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात पुराना कस्बा बागपत में फकीर और पठान जाति के लोगों के बीच संघर्ष हुआ। पथराव भी हुआ और जमकर तलवारें व लाठी डंडे चले। फकीर पक्ष की श्रीमती रहीसा पत्‍‌नी नौशाद ने बताया कि उसकी एक लड़की जवान है। पठान बिरादरी के दो युवक रात में उसके घर में घुस गये और उन्होंने उसकी लडकी को उठाने का प्रयास करने लगे। लड़की ने शोर मचा दिया। विरोध करने पर उन्होंने उन पर तलवार और लाठी डंडे से हमला बोल दिया। उनके इस हमले से उसे तथा उसकी लड़की और उसकी मां हाशमी,व परिवार का एक अन्य युवक कालू गम्भीर रुप से घायल हो गया। हाशमी को कई जगह तलवार लगी हैे। उनका आरोप है कि सरकारी अस्पताल में उनका उपचार करने के बजाय तीन तीन गोलियां पकड़ा कर व पट््टी लपेट कर चलते कर दिये गये। हाशमी का हाथ काफी कटा है। वहां उसको टांके तक नहीं लगाये। पुलिस ने भी उनकी नहीं सुनी। जबकि रात में ही उन्होंने बागपत कोतवाली पर सूचना दे दी थी। एक पुलिस कर्मी ने उनकों फटकार लगा कर भगा दिया। जबकि पुलिस उनके विरोधियों से अच्छी तरह व्यवहार कर रही थी। इसकों लेकर उन्होंने एसपी कार्यालय पर गुरुवार को धरना दिया। फिर एसपी को अपने साथ हुई घटना का जानकारी देते हुए पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। इस पर एसपी के एजिलरसन ने बागपत कोतवाली के एक सब इंस्पेक्टर को तलब कर फटकार लगाई और कार्रवाई के आदेश दिये। उधर दूसरे पक्ष का लुब्बा और सरोज भी घायल हुए हैं। उन्होंने अपने विरोधियों द्वारा लगाये गये आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन पर ही उल्टे हमला हुआ है। उनका कहना है कि लड़की उठाने का आरोप भी गलत है। वे वहां से गुजर रहे थे। तब उन पर अचानक हमला कर दिया गया हैे। वहीं बागपत पुलिस का कहना है कि मामले में कार्रवाई की जा रही है।

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